Haryana Police New Yojana: राज्य में सड़क हादसों में घायलों को तुरंत बेहतर इलाज मिले इसके लिए राज्य की पुलिस की ओर से नई योजना का मसौदा तैयार किया गया है। योजना के अनुसार प्राइवेट हॉस्पिटल में भी दुर्घटना के 48 घंटे तक घायल का फ्री में इलाज किया जाएगा।
इससे पास के सरकारी या उन प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी घायल को भर्ती कराया जा सकेगा जहां घायल लोग की चोट के अनुसार इलाज की सुविधा होगी। यहां तक पुलिस कर्मचारी घायल की पहचान होने पर उसके परिजनों से चोट के अनुसार अस्पताल में भर्ती करने को लेकर भी सलाह करेंगे।
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हरियाणा पुलिस की योजना को गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी मंजूरी दे दी है। इसे लेकर डीजीपी की ओर से उनके सामने यह प्रस्ताव रखा गया था। मंत्री की मंजूरी के बाद पुलिस ने इस पर काम शुरू कर दिया है। ऐसे में अब घायलों को समय पर उचित उपचार मिलने से उनकी जान बच सकेगी।
अभी तक यह योजना तमिलनाडु और उड़ीसा में चल रही थी, लेकिन अब इसे हरियाणा में भी शुरू किया जा रहा है। हरियाणा राज्य में लगभग 5000 लोगों की मौत सड़क हादसों से होती है।
पुलिस अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के ट्रामा सेंटर की भी रेटिंग तय कर रही है। इसके लिए आईटीआई मद्रास के एक्सपर्ट लगे हुए हैं। अब एक डॉक्टर को भी इस टीम में शामिल किया जाएगा।
रेटिंग तय होने से यह ऑनलाइन पता रहेगा कि किस जगह और किस हॉस्पिटल में किस प्रकार की चोट का इलाज जल्दी और बेहतर हो सकता है, ताकि घायल को समय पर पहुंचा कर उसकी जान बचाई जा सके। करनाल में रियल टाइम में ही घायल के इलाज की सुविधा को लेकर केंद्र भी बनाया जाएगा।
प्रस्ताव में कहा है कि इसके लिए रोड सेफ्टी फंड से पैसा दिया जाएगा, क्योंकि वाहनों के चालान से मिलने वाला 50% पैसा रोड सेफ्टी फंड में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के पास जाता है। यह योजना भी रोड सेफ्टी से ही जुड़ी है। इसलिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से प्राइवेट अस्पतालों को घायलों का पैसा स्वास्थ्य विभाग के जरिए दिया जाएगा।
अभी घायलों को एंबुलेंस सरकारी अस्पताल में ले जाती है। कहीं पास में सीएचसी या पीएचसी है तो वहां भी घायलों को ले जाया जाता है। वहां चोट देखने के बाद उनको रेफर कर दिया जाता है और वहां से किसी बड़े अस्पताल में लेकर जाते हैं। लेकिन योजना लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा।
अब चोट के अनुसार पास के अच्छी सुविधा वाले सरकार से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल या मेडिकल कॉलेज में घायल को लेकर जाया जाएगा। घायल से परिजनों के नंबर मिलते हैं तो उन्हें पहला घायल की स्थिति बताई जाएगी और फिर चोट के अनुसार पूछा जाएगा कि इसका इलाज संबंधित अस्पताल में हो सकता है इसलिए क्या वहां ले जा सकते हैं परिजनों की हां होने पर एंबुलेंस सीधे उसी अस्पताल में घायलों को लेकर जाएगी।