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HSSC CET Group D: नॉर्मलाइजेशन में जाने किस शिफ्ट को मिला सबसे अधिक फायदा

हरियाणा ग्रुप डी का पेपर 21 और 22 अक्टूबर को हुआ था। पेपर की आंसर की नेशनल टेस्ट एजेंसी (NTA) के द्वारा जारी कर दी गई है। हरियाणा सरकार के द्वारा बच्चों से ग्रुप डी एग्जाम के लिए ऑब्जेक्शन मांगे गए है। हरियाणा ग्रुप डी का एग्जाम 21 और 22 अक्टूबर को 4 शिफ्ट में हुआ था।

नेशनल टेस्ट एजेंसी के द्वारा बताया गया कि हमारी तरफ से पेपर का लेवल एक समान रखा गया है। लेकिन फिर भी पेपर में नॉर्मलाइजेशन (Normalisation) किया जाएगा। नॉर्मलाइजेशन से बहुत से बच्चों को लाभ तो बहुत से बच्चों को हानि होगी।

दिसंबर तक हरियाणा ग्रुप डी भर्ती का रिजल्ट आने की संभावना है। रिजल्ट के साथ विद्यार्थियों के नॉर्मलाइजेशन मार्क्स भी जुड़ कर आएंगे। विद्यार्थी के रो मार्क्स और नॉर्मलाइजेशन मार्क्स के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी।

परसेंटाइल फार्मूले से बहुत से विद्यार्थियों को फायदा तो बहुत से विद्यार्थियों को नुकसान होगा। लाखों बच्चे हरियाणा ग्रुप डी भर्ती के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं।

नेशनल टेस्ट एजेंसी के द्वारा बताया गया है कि पेपर की सभी शिफ्ट एक समान रखने की कोशिश की गई है लेकिन फिर भी कठिनाई का सत्र एक समान नहीं हो सकता है।

आंकड़ों की माने तो किसी शिफ्ट में आसान तो कोई शिफ्ट में मुश्किल प्रश्न आए हैं। इसलिए नेशनल टेस्ट एजेंसी ग्रुप डी एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू करेगी।

भारतीय संख्यिकी संस्थान दिल्ली के वरिष्ठ प्रोफेसर की अध्यक्षता में एक समिति हुई। इसमें भारत प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली और विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर शामिल हुए। इनके द्वारा नॉर्मलाइजेशन के लिए विचार विमर्श किया गया।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा बताया गया की शिफ्टों में अभ्यर्थियों के अंकों की तुलना करना मुश्किल है। जिस विद्यार्थी ने मुश्किल सवाल किए हैं उसे आसान के मुकाबले कम अंक मिल सकते हैं। शिफ्ट के माध्यम से अभ्यर्थियों के अंकों की तुलना नहीं किया जा सकती है।

इसलिए अंको का नॉर्मलाइजेशन किया जाना जरूरी है। इंडियन इंस्टिट्यूशन दिल्ली के प्रोफेसर, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली यूनिवर्सिटी,दिल्ली के सीनियर प्रोफेसर के साथ विचार विमर्श के बाद इस फैसले तक पहुंच गया है।

इनके द्वारा यह निश्चय किया गया कि प्रत्येक पाली में परसेंटाइल फार्मूले का उपयोग किया जाएगा। विद्यार्थी के मूल सकोर को को परसेंटाइल फार्मूले में बदल जाएगा।

विद्यार्थी के रॉ स्कोर (Raw Score) को प्रतिशत स्कोर में परिवर्तित किया जाएगा। प्रत्येक शिफ्ट के लिए प्रतिशत की गणना अलग से की जाएगी। एक पाली में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की संख्या को इस निरूपित किया जाएगा। उम्मीदवार के लिए प्रतिशत स्कोर की गणना फॉर्मूले के साथ की जाएगी।

यदि शिफ्ट वाइज़ फायदा मिलने की बात करें तो 21 अकतूबर पहली शिफ्ट व 22 अकतूबर दूसरी शिफ्ट को 4-5 अंकों का फायदा मिल सकता है। जबकि 21 अकतूबर दूसरी शिफ्ट व 22 अकतूबर पहली शिफ्ट की अंकों मे कोई अंतर देखने को नहीं मिलेगा।

नॉर्मलाइजेशन की पूरी जानकारी के लिए ऑफिशल नोटिफिकेशन को डाउनलोड करें:-Click Here

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