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Electric Vehicle: इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने से पहले जान ले ये बाते, नहीं तो हो सकता है नुकसान,

इस साल अब तक देश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री औसत से दोगुनी बढ़ गई है। इस मामले में अमेरिका बाजार में 50% और पूरी दुनिया में 36% ग्रोथ देखी गई है। ऑटो एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में सस्ते मॉडल डिमांड बढ़ रहे हैं। घरेलू बाजार में 2022 में 41675 इलेक्ट्रिक कार बिकी थी।

जबकि इस साल नवंबर तक 74290 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हो चुकी है। यानी 11 महीना में ही बीते साल की कुल बिक्री से 78% ज्यादा इलेक्ट्रिक कर बिक चुकी है। यह ग्रोथ दुनिया में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री वाले अमेरिका के साथ ही वैश्विक औसत से भी दोगुनी है।

ब्लूमबर्ग और एनएफए के मुताबिक इस साल दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 1.4 करोड़ बढ़ने का अनुमान है। अमेरिका में भी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 50% तक बढ़ाने का अनुमान है। प्रदूषण घटाने में इलेक्ट्रिक कारों की अधिक भूमिका देखते हुए इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मुताबिक 2030 तक दुनिया एनर्जी के मामले में बड़ा बदलाव देखेगी। तब तक इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल कम से कम 10 गुना बढ़ जाएगा। भारतीय इलेक्ट्रिक कार मार्केट अभी शुरुआती चरण में है।

ग्लोबल इलेक्ट्रिक कार मार्केट में फिलहाल भारत की सेल 1% से भी काम है। देश में बिकने वाली कारो में भी इलेक्ट्रिकल व्हीकल की हिस्सेदारी 2.15% है जबकि इंडोनेशिया जैसे देशों में यह आंकड़ा करीब 9% है।

देश में अभी इलेक्ट्रिक कारों के विकल्प बहुत कम है। आगामी वर्षों में ज्यादा मॉडल बाजार में उतारे जाएंगे। इससे डिमांड तेजी से बढ़ेगी। भारत में अभी इलेक्ट्रिकल वाहन के चार्जिंग सेंटर भी बहुत कम है।

जिस कारण दुनिया इलेक्ट्रिकल वाहन खरीदने में संकोच कर रही है। लेकिन जैसे-जैसे भारत में तरक्की हो रही है वैसे-वैसे इलेक्ट्रिकल चार्जिंग पॉइंट भी बनते जा रहे हैं। भारत में बहुत जल्द इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड बढ़ने वाली है।

अब इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर में बैटरी डिस्चार्ज होने पर स्वॅपिंग की सुविधा होगी। इसके लिए नीति आयोग द्वारा बनाए जा रहे नए ड्राफ्ट में फोर व्हीलर और बैटरी निर्माता कंपनियों को रिमूवेबल बैटरी और सभी कारों मे एक ही बैटरी को इस्तेमाल करने का विकल्प तरासने को कहा गया है।

बैटरी बदलने की सुविधा लेने वाले वाहन मालिकों को दो बैटरी लेने के बारे में नीति आयोग के सूत्र बताते हैं कि यह वैकल्पिक होगा। लेकिन दो बैटरी होने पर चार्जिंग स्टेशन पर आसानी से चार्ज बैटरी मिल सकेगी।

जिनके पास एक ही बैटरी होगी उन्हें उपलब्धता के आधार पर चार्ज बैटरी मिलेगी। बैटरी बदलने से आधे घंटे का समय बचेगा। जो अभी फास्ट चार्जिंग में कम से कम लगता है लेकिन यह तब होगा तब फास्ट चार्जिंग स्टेशन पर्याप्त संख्या में होंगे।

3 साल में हाईवे पर हर डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे में फास्ट चार्जिंग स्टेशन होंगे यहां डिस्चार्ज बैटरी के बदले चार्ज बैटरी मिलेगी चार्जिंग कास्ट का भुगतान करना होगा टेक्नीशियन बैटरी बदलकर डिस्चार्ज बैटरी को अपने पास रख लेगा

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