बाजार नियामक सेबी डीमेट खातो को निष्क्रिय घोषित करने की समय सीमा को बढ़ा रही है। पहले यह समय सीमा 6 महीने के लिए थी, लेकिन इसमें बढ़ोतरी करके अब इसे 1 साल के लिए कर दिया गया है। 1 साल तक कोई लेनदेन ना होने के कारण इन खातों को बंद कर दिया जाएगा।
1 साल खाता अवधि होने के कारण निवेशको को एक बड़ी राहत मिली है। बताया जा रहा है कि डीमैट खाते की निष्क्रियता पर सेबी के नए नियम जल्द लागू हो सकते हैं। नियम के अनुसार जो निवेशक साल भर में कम से कम एक शेयर को खरीदता या बेचता है, उसे सक्रिय निवेशक माना जाता है।
![demat account inactive time limit increase](https://sabhinews.com/wp-content/uploads/2023/11/demat-account-inactive-time-limit-increase-1024x576.jpg)
बिना लेनदेन वाले डीमैट खाता की अवधि बढ़ी
अब नए नियम के अनुसार साल भर में एक भी शेयर को न खरीदने या बेचने वाले निवेशक को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उसका डीमैट खाता बंद कर दिया जाएगा। पहले यह समय अवधि 6 माह थी लेकिन इसमें बढ़ोतरी करके अब इसे 1 साल के लिए कर दिया गया है।
अगर साल भर में कोई भी शेयर खरीदने या बेचने वाले निवेशक को अपना अकाउंट खुला रखना है तो उसे म्युचुअल फंड, एसआईपी राइट इश्यू आदि की अर्जी से मान्य माना जाएगा।
डीमैट खातों के लिए नए उपाय
सेबी के प्रस्ताव में डीमैट खातों को अधिक सुरक्षित करने के लिए नए उपाय होंगे निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए नए पैमाने लागू हो सकते हैं साथ ही इन खातों में रखे शेयरों की बिक्री के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति अनिवार्य होगी। प्राप्त अर्जी का दो बार सत्यापन किया जाएगा।
महिलाओं के हिस्सेदारी में बढ़ोतरी
अगर साल 2018 की बात की जाए तो शेयर बाजार में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 15 फ़ीसदी थी। 2023 तक इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली। अब शेयर बाजार में महिलाओं की हिस्सेदारी 20 फ़ीसदी तक पहुंच गई है।
25 फ़ीसदी निवेदक सक्रिय
सेबी की रिपोर्ट के अनुसार देश में डीमैट खातों की संख्या तो रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इन खातों में से केवल 25% खाते ही सक्रिय है जो अपना लेन-देन वर्ष के अंदर कर रहे हैं।
75% खाता ऐसे हैं जो साल भर में अपना कोई लेन देन नहीं कर रहे हैं। आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले साल तक देश में सक्रिय डीमैट खातों का आंकड़ा 3.5 करोड़ था, जो इस साल मार्च के अंत में घटकर 3.1 करोड़ हो गया है। पुराने आंकड़ों के अनुसार केवल 25% फीसदी खाते ऐसे बचे हैं, जो अपना लेन-देन समय से कर रहे हैं।
अक्टूबर में खाता खुलवाने की रफ्तार धीमी पड़ी
शेयर बाजार में अस्थिरता के कारण हर महीने नए खाता खुल रहे हैं। लेकिन अक्टूबर माह में खाता खुलवाने की रफ्तार बिल्कुल धीमी पड़ गई है। पिछले महीने कुल 26.8 लाख नए खाते खोले गए। सितंबर में यह आंकड़ा 30.6 लाख था।
अब तक देश में कुल डीमैट खातों की संख्या 13.2 करोड़ पहुंच गई है। इनमें से सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज में लगभग 9.85 करोड़ और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी में 3.38 करोड़ से भी ज्यादा खाते हैं।
13.2 करोड़ डीमैट खाता के साथ बहुत कम ही निवेशक सक्रिय है। 75 फ़ीसदी निवेदक ऐसे हैं जो साल भर में एक भी शेयर को खरीद या बेच नहीं रहे है। अगस्त माह में सबसे अधिक खाता खोले गए हैं। इस माह में 31 लाख नए खाते खोले गए हैं। इसके बाद बात की जाए तो सितंबर माह में 30.6 लाख नए खाते खोले गए है।