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Insurance Policy: गलत तरीके से पॉलिसी लेने पर सरकार उठाएगी यह कदम, सिबिल स्कोर भी होगा खराब

सिबिल स्कोर सभी बैंकिंग क्षेत्र में इस्तमाल होता है। इसके द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि व्यक्ति का लेन देन कैसा है। सिबिल स्कोर के आधार पर ही किसी व्यक्ति को लोन राशि दी जाती है। 900 से ज्यादा सिबिल स्कोर को सबसे अच्छा माना जाता है।

बैंक बिना किसी परेशानी से उस व्यक्ति को लोन दे देता है। 750 से 900 तक का सिबिल स्कोर मध्यम माना जाता है। इस सिबिल स्कोर पर भी बैंक लोन आसानी से दे देता है। किसी व्यक्ति द्वारा कार, बाइक या अन्य वाहन ईएमआई पर लेने पर भी सिबिल स्कोर चेक किया जाता है।

सिबिल स्कोर अच्छा ना होने पर भी एजेंट वाहन लोन और स्वास्थ्य बीमा करके कंपनी का घाटा कर रहे है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ दिनों में वाहन और फर्जी बिमा करवाने के बहुत सारे मामले सामने आए है।

क्या है सिबिल स्कोर

सिबिल स्कोर एक ऐसा पैमाना होता है जो बैंक को बताता है कि ग्राहक सही समय पर कर्ज चुकाने के लिए कितना सक्षम है। सिबिल स्कोर का बहुत अधिक महत्व होता है। अगर किसी व्यक्ति का सिविल स्कोर अच्छा है और वह बैंक से लोन या कोई अन्य पॉलिसी लेता है। अगर वह व्यक्ति समय पर पॉलिसी या लोन का पैसा नहीं देता तो उसका सिलेबस स्कोर खराब हो जाता है।

क्यों हो रहा है कंपनियों को घाटा

ग्राहक और इंश्योरेंस कम्पनी के एजेंट के द्वारा फर्जी क्लेम के मामले बहुत अधिक आ रहे है। स्वास्थ्य कंपनी के द्वारा लगभग 9000 करोड रुपए के फर्जी क्लेम सामने आए है।

सरकार और बिमा कंपनी के बीच एक बैठक हुई है। बिना कंपनी ने गलत तरीके से बिमा लेने वाले लोगो के खिलाफ आपत्ति जताई है। गलत तरीके से बिना लेने वाले व्यक्तियों के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है कि ऐसा करने से इन लोगो का सिबिल स्कोर खराब कर दिया जाएगा।

ऐसा होने से फिर इन लोगो को किसी भी तरह का कोई लोन या पॉलिसी नही मिलेगी। फर्जी तरीके से ऐसा काम करने वाले लोगों के खिलाफ कारवाई भी की जाएगी।

बैंकिंग क्षेत्र की तर्ज पर इंश्योरेंस कंपनियों के लिए नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी हो रही है। गलत तरीके से बीमा पॉलिसी लेने वालों का सिविल स्कोर अब खराब हो सकता है सरकार बैंक को और अन्य वित्तीय क्षेत्र की तरह सामान्य बीमा क्षेत्र के लिए विजिबल स्कोर लागू करने की तैयारी कर रही है।

लोन कंपनी और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का लोग गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। फर्जी दावों के बढ़ते मामलों को देखते हुए बीमा कंपनियां इसकी लंबे समय से मांग कर रही हैं। हाल ही में सरकार और बीमा कंपनियों के बीच हुई बैठक में बीमा कंपनियों द्वारा अपनी आपत्ति बताई गई है।

सरकार और बीमा कंपनियों के बीच हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि अभी तक गलत तरीके से बीमा पॉलिसी लेने पर ग्राहक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस क्षेत्र में सिविल स्कोर लागू होने पर सभी बीमा कंपनियों के पास उस ग्राहक का पूरा ब्यौरा रहेगा।

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